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How to make our sanitizer at home

Hand sanitizer What is Hand sanitizer: A antiseptic alcohol based aqueous solution used for cleaning hands removing the removing common germs or  pathogens. Hand sanitizers normally are  in foam of  gel, or liquid form. Excess use of it can damage your skin due to harmful chemicals. As exposure to skin to these chemical is not safe for our skin. I personally recommend to clean the hands with water and soap. Its best way to clean grease dirt as well as germs too. Use the sanitizer only in case you do not have water and soap for cleaning your hands. Sanitizer can only kill some germs in returns leaves harmful chemicals in your hands. Excess used is not recommend at all.  Type of sanitizers: 1. Alcohol based 2. Alcohol-free 1. Alcohol based sanitizers These sanitizers contain between 60 and 95 percent alcohol , usually in the form of ETHANOL, ISOPROPANOL AND n-PROPNOL.  At THE above mentioned concentrations, alcohol immediately vanish certain types of microorganisms. 2. Alcohol-free
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आयुर्वेद प्राकृतिक चिकित्सा.....

आयुर्वेदिक और प्राकृतिक चिकित्सकों को झोलाछाप कहने वालों, इस मेसेज को ध़्यान से पढ़े आैर जाने कि आखिर कौन है ये झोलाछाप चिकिसक.?  ❇ हंमेशा से ही ऐलोपैथी विज्ञान, आयुर्वेद को आधारहीन एवं किसी काम का नही कहकर आयुर्वेदिक एवं प्राकृतिक चिकित्सकों की बेइज्जती करते आये हैं लेकिन सभी पैथियों की जननी तो प्रकृति ही है। क्योंकि अगर आयुर्वेद या प्रकृतिक सुविधायें न होती तो आज ऐलोपैथी शायद नही होती। ❇ ऐलोपैथी मे उपयोग होने वाली महत्वपूर्ण दवाइयां वर्णन है जिसमें ये "आयुर्वेदिक प्लान्ट" से बनती है। जानिये केसे ऐलोपैथी दवाइयों के ऊपर आयुर्वेदिक आैषधियों को लेटिन या अंग्रेज़ी नाम देकर अपनी चिकित्सा पैथी की मोहर लगा देते है। (1) Tinacardin - ये दवाई गिलोय के सत्व से बनती है। (2) Curcumin- ये दवाई हमारे घरों में प्रयुक्त हल्दी सत्व से बनती है। (3) Coral - ये दवाई प्रवाल पिष्टी से बनने वाली दवाई है। (4) Hyprobromide - यह दवाई खुरासानी अजवाइन का ऐक्ट्रेक्ट है। (5) Quinone - यह दवाई कुनैन की जड़ से तैयार होती है। (6) Pentaprazole - यह दवाई खाने वाले सोडा से तैयार होती है। (7) Pramhexin - यह ऐलोपैथ

How would be our life in upcoming months...in Covid-19(CD-19).

Lets see How our live  will be in the next upcoming 6 months: Even if the lock-down ended Now it is necessary to take these following precautions. 1. Wear Masks 2. Hand Sanitize 3. Rather Social distances, physical distance matter. 4. Will go out only when it is absolutely necessary. 5. Do not increase the beard. 6. Do not go to Salon for cutting. Do it yourself Or the hairdresser may be called home. He masks Be worn Get her hands cleaned. Comb, Scissors, Bland, Handkerchief etc. All our accessories Should be 7. Do not wear wallets, rings, wristwatches etc. Do not wear Mobile gives you time only. 9. Enter the house without wearing shoes,Take off outside only. 10. Hands out when coming home from outside Enter the house only after washing your feet. If you think that you If you have come in contact with the suspect then take a full bath, Steam, drink hot brew. Whether it is a lock down or not, the next 6 to 12 months Till these precautions are very important.  stay at home and stay safe

Weight loss :Must Try during this during lock down- Stay healthy and stay safe at home

Are seriously looking for weight loss then only read this article otherwise do not waist your time on spending reading this article. One Serious step will change your looks that is my promise. Stay tuned.   You may find many article on reducing your belly fat , reduce extra weight, how to remove your love handle or so called Tyre and so on.   This is true today, obesity is the main cause of many diseases such as  heart attack  ,  high blood pressure (BP) , cancer,  increased cholesterol ,  fatty liver , digestive system related diseases,  sex related disease , Along with this,  depression  and  loneliness  in the society (social isolation) are also seen due to this. Obesity is caused by many factors  such as hypothyroidism, PCO D, food without time, more calorie food intake of junk food, be physically active, hormones of irregularities etc  . Well I will share my real journey of weight loss in this article. I took almost 8 month to reduced my weight from 78 Kg to 6

पौराणिक विज्ञान...

पौराणिक विज्ञान 1947 से लगातार ब्राम्हणों का विरोध करने के बाद आज  शेष हिन्दुओ को पता चला उनका नियम वैज्ञानिकता से परिपूर्ण था। उस पौराणिक वैज्ञानिकता ने भी धीरे धीरे स्वच्छता से सुरक्षा के क्रम मे छुआछूत से घृणा और आडंबर को जन्म दे दिया था। तो कोरोना ने यह सबकुछ एकाएक करवाकर ब्राम्हणों को क्लीन चिट दे दिया। इसे पढने के बाद अपनी गलती का एहसास भर हो जाए तो इतना ही काफी होगा ! ! जिस छुआछूत को बदनाम कर-कर के  उपन्यासों में फिल्मों में ब्राह्मणों को झूठा और फर्जी बदनाम किया गया, वहीं छुआछूत आज विश्व की ब्रह्मास्त्र बनकर रक्षा कर रहा है (एक बार जरुर पढ़ें थोड़ा बड़ा है लेकिन अच्छा सन्देश)                       आपने अपने शास्त्रों का एवं ब्राह्मणों का खूब मज़ाक उड़ाया था जब वह यह कहते थे कि जिस व्यक्ति का आप चरित्र न जानते हों उससे जल या भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए। क्योंकि आप नहीं जानते कि अमुक व्यक्ति किस विचार का है , क्या शुद्धता रखता है, कौन से गुण प्रधान का है, कौन सा कर्म करके वह धन ला रहा है, शौच या शुचिता का कितना ज्ञान है, किस विधा से भोजन बना रहा है, उसके लिए शुचिता या शुद्धता के क्

Our life in COVID-19

Love in the time of Corona. (Since we are reading enough grim news about the virus, on a lighter note here are some good side-effects of the virus:) Exams :  We always believed exams are so important for children , we could not do education without this primitive humiliating ritual on children. Today we have seen it is possible to do away with it completely. Children got promoted to the next class without any stress of an exam...nothing bad happened! Work from home:   Work from home is an ideal solution for the traffic and pollution problems in a city like Bangalore, but we still believed (mostly the company insisted that) it was important to drive our car, burn fuel, waste a lot of productive time and go to an office to work, every single day. But when the Virus came we figured it is possible to work from home and still get work done. eMeetings:   Clients who always insisted on face to face meetings just discovered it is possible to have face to face meetings over Skype. It saves tr

घुटनों का दर्द?

स्ट्रेचिंग !आखिर क्यों जरूरी है !!

स्‍ट्रेचिंग एक्‍सरसाइज, आखिर क्यों जरूरी है स्ट्रेचिंग  शरीर में लचीलापन होना हमारी मांसपेशियों को स्वस्थ और मजबूत रखने में अहम भूमिका निभाता है। लचीलापन आपके शरीर की भौतिक गतिविधि और उनमें होने वाली और शारीरिक की दर्द को कम करने में मदद करता है। आपके दैनिक जीवन में किये जाने वाले व्यायाम में इसे शामिल करना फायदेमंद है। यह आपके शरीर को स्वस्थ रखने और शरीर के काम काज के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ आपकी मांसपेशियों को आराम देती है साथ ही यह उनमें खून की उपलब्धता और पोषण तत्वों की मात्रा को बढ़ाने में सहायता करती है। शरीर लचीलापन होने से चोट लगने की संभावना कम हो जाती है। यदि आपके शरीर में लचीलापन है तो आप बहुत सी तकलीफों जैसे कि पीठ दर्द, तनाव, चोट के खतरे, कोलेस्‍ट्रोल आदि की समस्‍याओं को कुछ हद तक कम कर सकता है साथ ही यह आपकी शक्ति बढ़ाने और आपके रक्त परिसंचरण को मजबूत करता है। यह आपकी सहनशक्ति को बढ़ाता है। शरीर में लचीलापन हमारे लिए बहुत ही लाभकारी होती है। आइए जाने शरीर में लचीलापन किस प्रकार आपके स्‍वास्‍थ के लिए अच्‍छा और जरूरी क्‍यों है। स्‍

कोरोना को जाने

कोरोना को जाने प्रश्न (1) :- क्या कोरोना वायरस को ख़त्म किया जा सकता है उत्तर:- नहीं! कोरोना वायरस एक निर्जीव कण है जिस पर चर्बी की सुरक्षा-परत चढ़ी हुई होती है। यह कोई ज़िन्दा चीज़ नहीं है, इसलिये इसे मारा नहीं जा सकता बल्कि यह ख़ुद ही रेज़ा-रेज़ा (कण-कण) होकर ख़त्म होता है। प्रश्न( 02):-. कोरोना वायरस के विघटन (रेज़ा-रेज़ा होकर ख़त्म होने) में कितना समय लगता है? उत्तर:- कोरोना वायरस के विघटन की मुद्दत का दारोमदार, इसके आसपास कितनी गर्मी या नमी है? या जहाँ ये मौजूद है, उस जगह की परिस्थितियां क्या हैं? इत्यादि बातों पर निर्भर करता है। प्रश्न(03):-. इसे कण-कण में कैसे विघटित किया जा सकता है? उत्तर:- कोरोना वायरस बहुत कमज़ोर होता है। इसके ऊपर चढ़ी चर्बी की सुरक्षा-परत फाड़ देने से यह ख़त्म हो जाता है। ऐसा करने के लिये साबुन या डिटर्जेंट के झाग सबसे ज़्यादा प्रभावी होते हैं। 20 सेकंड या उससे ज़्यादा देर तक साबुन/डिटर्जेंट लगाकर हाथों को रगड़ने से इसकी सुरक्षा-परत फट जाती है और ये नष्ट हो जाता है। इसलिये अपने शरीर के खुले अंगों को बार-बार साबुन व पानी से धोना चाहिये, ख़ास तौर से उस वक़्त जब